ए ज़िन्दगी
में ज़िंदा तो हु लेकिन
खो गयी हु कहीं तेरे इन उलझनों में
कुछ सवालो का जवाब ढूँढ़ते ढूँढ़ते
खो गयी है मेरी मसूईयात कहीं
तेरे इस मुश्किल रस्ते पे चलते चलते
खामोशियों को अपना बना लिआ .
ख्वाहिसों को दिल में दबा दिया .
तेरे सारे सितम सेह कर भी .
ए ज़िन्दगी तुझे अपना बना लिआ .
Anindita Rath
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